ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) 2019 की सूची में भारत 102वें पायदान पर पहुंच गया है. रिपोर्ट में चीन 25वें, पाकिस्तान 94, बांग्लादेश 88वें, नेपाल 73वें, म्यांमार 69वें और श्रीलंका 66वें स्थान पर है. एशिया में भारत की स्थिति कई पड़ोसी देशों से भी खराब है. इस बार रिपोर्ट में भारत को 100 में से 30.3 अंक मिले हैं, जो भुखमरी की गंभीर स्थिति को दर्शाता है.
जीएचआई की 2014 में जारी रिपोर्ट में भारत 76 देशों की लिस्ट में 55वें और 2017 में 119 में से 100वें नंबर पर रहा था. पिछले साल भारत 119 देशों की सूची में 103 नंबर पर था.
रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में भूखे लोगों की संख्या साल 2015 में 78 करोड़ थी जो अब बढ़कर 82 करोड़ हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लोगों के स्वास्थ्य, पोषण और विकास के मुद्दों पर पर्याप्त काम नहीं किया गया है.
आयरिश एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन संगठन वेल्ट हंगर हिल्फे द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट ने भारत में भुखमरी के स्तर को गंभीर करार दिया.
दरअसल ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रैंकिंग में 100 अंकों पर किसी भी देश को रैंक किया जाता है. भारत का स्कोर 30.3 है.
बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत सहित 17 देशों ने पांच से कम जीएचआइ स्कोर के साथ शीर्ष रैंक हासिल की है, यानी सबसे अच्छी स्थिति में हैं.
वैश्विक भुखमरी सूचकांक केवल भूख के स्तर पर ही नहीं बल्कि कुपोषण का स्तर और बाल मृत्यु दर के आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाती है. हर देश को 100 के स्केल पर मापा जाता है. 100 में से 20 से 34 अंक पाने वाले देशों को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है. रिपोर्ट कहता है कि भारत दुनिया के उन 45 देशों में शामिल है जहां भूख को लेकर स्थिति गंभीर चिंताजनक है.
बता दें कि भारत साल 2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें और साल 2018 में 103वें स्थान पर रहा था.
रिपोर्ट के अनुसार 2008-2012 की अवधि में भारत में छोटे कद के साथ कम वजनी बच्चों की हिस्सेदारी 16.5 फीसद से बढ़कर 2014-2018 में 20.8 फीसद हो गई. 6 से 23 महीने के बीच के सभी बच्चों में से केवल 9.6 फीसद को ही सही आहार मिल पाता है.
2015-16 तक 90 प्रतिशत भारतीय घरों में पेयजल के स्रोत की अच्छी सुविधा है, जबकि 39 प्रतिशत घरों में स्वच्छता की सुविधा नहीं है.
रिपोर्ट को चार पैमानों पर तैयार किया गया है: कम पोषण, पांच साल से कम उम्र के बच्चे, जिनका वज़न उम्र के लिहाज़ से कम है (चाइल्ड वेस्टिंग), पांच साल से कम उम्र के बच्चे, जिनकी ऊंचाई उम्र के लिहाज़ से कम है (चाइल्ड स्टंटिंग), पांच साल से कम आयु में शिशु मृत्यु दर.
भारत में बाल कुपोषण दर सबसे ऊंचा है. यह 20.8 फीसदी है. रिपोर्ट में शामिल देशों में यह सबसे ऊंचा है. आधिकारिक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार भी भारत में यह दर 21 फीसदी है और 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र बड़े राज्य थे कुपोषण सबसे अधिक हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर हाल के तीन वर्षों में भूख से मरने वालों की संख्या में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2015 के 785 मिलियन से बढ़कर यह संख्या आज 822 मिलियन हो गई है. कई देशों में 2010 की तुलना में अब ज्यादा भूखे लोगों की संख्या हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के भूखों का बड़ा हिस्सा अब हिन्दुस्तान में ही रहता है.
भारत में सार्वजानिक वितरण प्रणाली में भारी कमी और खामियां हैं. सामाजिक और आर्थिक असामनता भी एक और कारण है. देश की करीब 75 फीसदी सम्पत्ति पर 1 फीसदी लोगों का कब्जा है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘वर्ष 2014 के बाद से भारत वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) की रैंकिंग में लुढ़कता जा रहा है. अब 102वें स्थान पर पहुंच गया है. यह रैंकिंग सरकार की नीतियों की घोर विफलता है और मोदी के ‘सबका विकास’ दावे को बेनकाब कर दिया है जिसका गुणगान मोदी समर्थक मोडिया करता रहता है.’
India’s #GlobalHungerIndex ranking, falling steadily since 2014, has now crashed to 102/117.
This ranking reveals a colossal failure in Govt policy and blows the lid off the PM’s hollow “sabka vikas” claim, parroted by Modia. https://t.co/7I5vZLH0XM
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 16, 2019
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने ट्वीट किया, “2019 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार, भारत 117 देशों में 102वें स्थान पर खिसक गया है. रिपोर्ट कहती है कि भारत में भूख का स्तर ‘गंभीर’ है, और अब भी बहुतों को लगता है कि ‘अच्छे दिन आएंगे’, सवाल है कि कब? यह तब होगा, जब सभी लोग, घनिष्ठ मित्रों को छोड़कर, भूख से मर जाएंगे.?”
According to 2019 Global Hunger Index, India has slipped to 102 out of 117 countries. The report says that India has 'Serious' hunger levels & yet many believe 'Acche Din Aayega'.
The question is when?
Is it when all, except the Cronies, die of hunger?
2/2@INCIndia
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) October 16, 2019