बिहार: युवाओं के ज्वलंत मुद्दे मतदाताओं को बदलाव के लिए एकजुट क्यों नहीं कर सके?
एक दौर में अपनी छात्र-युवा शक्ति के बल पर इस देश में संपूर्ण क्रांति का नारा देने वाला बिहार बीस साल से एक अदद सरकार तक नहीं बदल पा रहा है जबकि युवाओं की समस्याएं दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही हैं। इस बार सभी राजनीतिक दलों ने युवाओं से रोजगार आदि का वादा किया था, लेकिन चुनाव जब जमीन पर उतरा तो सारी कहानी जातिगत ध्रुवीकरण का शिकार हो गई। जो दल जीता, उसने ‘जंगलराज’ का डर दिखाकर वोट खींच लिए। हर बार यही होता है और हर बार बिहार का नौजवान ठगा जाता है। चुनाव नतीजों के बाद विपक्ष के कुछ युवाओं से बातचीत के आधार पर अखिलेश यादव की टिप्पणी