Ambani

Poverty in India

गरीबी खत्म होने के झूठे दावे और हजार करोड़ का एक जश्‍न

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आम चुनाव से ठीक पहले सरकार द्वारा जारी किए गए उपभोग-व्‍यय के आंशिक आंकड़ों के आधार पर सुरजीत भल्‍ला करन भसीन ने जल्‍दबाजी में ब्रूकिंग्‍स इंस्टिट्यूशन की ओर से भारत में अत्‍यधिक गरीबी खत्‍म होने की मुनादी कर दी। नोटबंदी, जीएसटी और अंत में महामारी की मारी अधिकांश आबादी के बीच जहां एक शख्‍स अपने बेटे की प्री-वेडिंग पर हजार करोड़ खर्च करता है, वहां ये सरकारी आंकड़े दुर्गंध फैलाने से ज्‍यादा किसी काम के नहीं। अर्थशास्‍त्री अशोक मोदी की टिप्‍पणी