Kamala Das

एक जटिल संस्कृति में समान नागरिक संहिता की कवायद और कमला दास की याद

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समान नागरिक संहिता सिर्फ एक कानून का मसला नहीं है, बल्कि यह उस खतरनाक विचार से जुड़ा हुआ है, जिसमें मजबूत पक्ष अपने सौंदर्यबोध और सांस्कृतिक-नैतिक मूल्यों के मरतबान में कमजोर पक्ष को जबरन डालना चाहता है। ऐसे परिवेश में कमला दास जैसे चरित्र की याद हमें बताती है कि परंपरा-परिपाटी, धर्म-संस्कृति के मसले उतने एकरेखीय नहीं होते हैं