Fredric Jameson

फ्रेडरिक जेमसन: पुरानी दुनिया और नए युग के वैचारिक जगत को जोड़ने वाला अंतिम सिरा

आज से बीसेक दिन पहले फ्रेडरिक जेमसन शायद इकलौते जीवित शख्‍स थे जिन्‍होंने एक सदी के दौरान बदलती हुई हमारी दुनिया को न सिर्फ देखा और महसूस किया था, बल्कि राजनीति, वैचारिकी, संस्‍कृति से लेकर बौद्धिकता के विभिन्‍न क्षेत्रों में हुए बदलावों की सघन पड़ताल करते हुए विपुल लेखन भी किया। वे पुरानी और नई दुनिया के बीच एक वैचारिक पुल थे, जो बीते 22 सितंबर को चल बसे। इस दुनिया को दिए उनके वैचारिक योगदान के आईने में प्रतिष्ठित दार्शनिक स्‍लावोइ ज़ीज़ेक ने उन्‍हें याद किया है। ज़ीज़ेक का जेमसन पर लिखा स्‍मृतिलेख यहां अविकल प्रस्‍तुत है

Marine Le Pen

यूरोप चुनाव: बढ़ते मसखरों के बीच नए फासिस्‍टों का मंडराता साया

इस महीने यूरोपीय संसद के लिए हुए चुनावों के बाद अब मुख्‍यधारा के राजनीतिक दल और नेता धुर दक्षिणपंथ के साथ एक नाव में सवार होने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। इस तरह, दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद यूरोप के लोकतांत्रिक देशों द्वारा ‘फासिस्‍टों से गठजोड़ न करने’ के अपनाए गए सिद्धांत को चुपके से तिलांजलि दे दी गई है। अब यूरोप को फासिस्‍ट कुबूल हैं। प्रोजेक्‍ट सिंडिकेट के साथ फॉलो-अप स्‍टोरीज की विशेष व्‍यवस्‍था के तहत प्रतिष्ठित चिंतक स्‍लावोइ ज़ीज़ेक का विश्‍लेषण