निरंकुशता के विरुद्ध : तख्तापलट के पचास बरस और चिली का प्रतिरोधी सिनेमा
byचिली में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए की शह पर किए गए तख्तापलट को पचास साल पूरे हो गए। इतने ही बरस राष्ट्रपति सल्वादोर अलेन्दे की हत्या और उसके बारह दिन बाद महान कवि पाब्लो नेरूदा के निधन को भी हो रहे हैं। 11 सितंबर, 1973 से लेकर 1990 के बीच सत्रह साल की जिस तानाशाही और निरंकुशता ने देश में इनसानियत के सूरज को उगने से रोके रखा, उसकी भयावह स्मृतियों को दर्ज करने और संजोने का काम चिली के सिनेमाकारों ने किया। चिली के तख्तापलट पर केंद्रित सिनेमा की परंपरा पर सिने आलोचक विद्यार्थी चटर्जी की यह लंबी कहानी, अनुवाद अभिषेक श्रीवास्तव ने किया है