Culture

Fredric Jameson

फ्रेडरिक जेमसन: पुरानी दुनिया और नए युग के वैचारिक जगत को जोड़ने वाला अंतिम सिरा

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आज से बीसेक दिन पहले फ्रेडरिक जेमसन शायद इकलौते जीवित शख्‍स थे जिन्‍होंने एक सदी के दौरान बदलती हुई हमारी दुनिया को न सिर्फ देखा और महसूस किया था, बल्कि राजनीति, वैचारिकी, संस्‍कृति से लेकर बौद्धिकता के विभिन्‍न क्षेत्रों में हुए बदलावों की सघन पड़ताल करते हुए विपुल लेखन भी किया। वे पुरानी और नई दुनिया के बीच एक वैचारिक पुल थे, जो बीते 22 सितंबर को चल बसे। इस दुनिया को दिए उनके वैचारिक योगदान के आईने में प्रतिष्ठित दार्शनिक स्‍लावोइ ज़ीज़ेक ने उन्‍हें याद किया है। ज़ीज़ेक का जेमसन पर लिखा स्‍मृतिलेख यहां अविकल प्रस्‍तुत है

राखीगढ़ी का कंकाल और पौराणिक इतिहासकारों का डर

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क्या कोई वैश्विक षडयंत्र हो रहा है इस बात को झुठलाने के लिए कि घोड़े और तीलीदार पहिए वाले रथ आज से 9000 साल पहले भारतीय सभ्यता का हिस्सा थे? पौराणिक इतिहासकार आखिर लगातार क्यों कहते हैं कि भारतीय लोग 200 साल से एक जटिल पश्चिमी षडयंत्र का शिकार हो रहे हैं जिसमें सैकड़ों वैज्ञानिक, इतिहासकार, भाषाविज्ञानी और पुरातत्ववेत्ता शामिल हैं?