Economics

अच्छा और बुरा अर्थशास्त्र

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सत्तर के दशक के उत्तरार्ध में जब अभिजीत एक अर्थशास्त्री बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे थे उस वक्त सोवियत रूस के प्रति थोड़ा सम्मान बचा हुआ था जबकि भारत उसके जैसा बनने की पूरी कोशिश कर रहा था। वामपंथी अतिवादी चीन को मानते थे, चीनी लोग माओ की पूजा करते थे, रीगन और थैचर ने आधुनिक कल्याणकारी राज्य पर अपने हमले अभी शुरू ही किए थे और दुनिया के करीब 40 फ़ीसदी आबादी भयंकर गरीबी में जी रही थी। तब से लेकर अब तक कितना कुछ बदल चुका है और शायद इसमें काफी कुछ बेहतरी के लिए है।