Gujarat

Dhai Akhar team reaches Kim

ये वो गुजरात नहीं है जिसे कभी हिन्दू राष्ट्र की प्रयोगशाला कहा गया था…

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मध्‍य प्रदेश में अपना खास मुकाम हासिल करने के बाद ‘ढाई आखर प्रेम के’ नामक सांस्‍कृतिक यात्रा जब गुजरात पहुंची तो यात्रियों के मन में संदेह, भय और उत्‍तेजना मिश्रित भाव था। साबरमती से शुरू होकर जत्‍था जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, मन में एक नया सवाल घुमड़ता रहा कि ये तो 2002 वाला गुजरात नहीं है और शायद वैसा बनाया भी नहीं जा सकता, जैसी इसकी छवि है। समूची यात्रा में आयोजक, भागीदार और दस्‍तावेजकार के रूप में निरंतर शामिल रहे विनीत तिवारी का संस्‍मरणात्‍मक रिपोर्ताज