Inequality

Pope Francis

अर्थशास्त्र की रोगग्रस्त आत्मा के ‘पापमोचन’ का आह्वान करने वाला एक धर्माचार्य

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कैथोलिक चर्च के सबसे बड़े धमार्चार्य पोप फ्रांसिस का बीते 21 अप्रैल को निधन हो गया। उनके 12 साल लंबे कार्यकाल का एक कम उजागर पक्ष उनके बदलावकारी आर्थिक विचारों में जाहिर होता है, जहां वे मौजूदा दुनिया को चलाने वाले आर्थिक विचार को गरीबों का हत्‍यारा करार देते हैं और अर्थशास्त्रियों से लोकमंगल के लिए काम करने का आह्वान करते हैं। पर्यावरण संकट से लेकर सामाजिक असमानता तक सबकी जड़ अर्थशास्‍त्र में देखने वाले फ्रांसिस की आर्थिक आलोचना पर अंतरा हालदर की टिप्‍पणी

भारत में धनकुबेरों का फैलता राज और बढ़ती गैर-बराबरी: पिछले दस साल का हिसाब

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प्रतिष्ठित अर्थशास्‍त्री थॉमस पिकेटी ने भारत में गैर-बराबरी और अरबपतियों के फैलते राज पर एक रिपोर्ट जारी की है। वर्ल्‍ड इनीक्वालिटी लैब से जारी इस रिपोर्ट को पिकेटी के साथ नितिन कुमार भारती, लुकास चैन्सल और अनमोल सोमंची ने मिलकर लिखा है। पिछले दस वर्षों के दौरान किस तरह भारत धनकुबेरों के तंत्र में तब्‍दील होता गया है और यहां का मध्‍यवर्ग लगभग लापता होने के कगार पर आ चुका है, उसकी एक संक्षिप्‍त तथ्‍यात्‍मक तस्‍वीर फॉलो-अप स्‍टोरीज अपने पाठकों के लिए चुन कर प्रस्‍तुत कर रहा है