Non-timber Forest Produce

मौसम की मार, बेपरवाह सरकार और महुए के फूलने का अंतहीन इंतजार…

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सूखे के मामले में बीते अगस्त ने पिछले सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मानसून में बारिश कम होने से सात राज्य संकट में हैं, लेकिन झारखंड के आदिवासियों की तो कमर ही टूट गई है जिनकी जिंदगी जंगल और उसके फल-फूल के भरोसे चलती है। एक तो बिचौलियों के खेल, उस पर से जलवायु के बदलाव और सरकारी योजनाओं का जमीन पर टोटा, तीनों के जाल में वन आश्रित समुदाय पलायन को मजबूर हैं। पुलिट्ज़र सेंटर के सौजन्य से लातेहार और पलामू से लौटकर सुष्मिता की रिपोर्ट