निन्यानबे का फेर : फीकी रामनवमी, कम मतदान और भागवत बयान की चुनावी गुत्थी
byआरएसएस का शताब्दी वर्ष समारोह न मनाने का सरसंघचालक मोहन भागवत का बयान पहले चरण के मतदान से ठीक पहले आया। तब से दो चरण हिंदी पट्टी में ठंडे गुजर चुके हैं। रामनवमी के जुलूसों से भी चुनाव में गर्मी नहीं आ सकी क्योंकि राम मंदिर अब लोगों के आत्मसम्मान का सवाल नहीं रहा। भगवान अब टेंट में नहीं हैं। तो क्या संघ इस लोकसभा चुनाव में बैठ गया है? और क्या भाजपा को राम मंदिर का बन जाना पच नहीं पा रहा कि मोदी लौट-लौट कर अयोध्या जा रहे हैं? अमन गुप्ता की रिपोर्ट