Unnao

A demonstrator holds a placard during a protest against the release of the convicts in Bilkis Bano case

नए भारत में बलात्कारियों का संरक्षण : कैसे अच्छे दिन? किसके अच्छे दिन?

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बीते कुछ बरसों के दौरान भारत में यौन अपराधों और इनके केस में सजा होने के बीच बहुत गहरी खाई पनपी है। पीड़ितों की खुदकशी से लेकर उन्‍हीं पर पलट कर मुकदमा किया जाना, अपराधियों का माल्‍यार्पण, सरवाइवर के बयान पर संदेह खड़ा किया जाना, और आखिरकार सजा मिलने पर भी बलात्कारियों का जमानत पर बाहर निकल आना दंडमुक्ति की फैलती संस्कृति का पता देता है। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले राज्यसत्ता और पितृसत्ता ने इसकी जमीन बना दी थी। नारीवादी लेखिका-कार्यकर्ता रंजना पाढ़ी की विस्तृत पड़ताल

Unnao Gangrape 2022 victim's house

उन्नाव गैंगरेप 2022 : चुनाव आ गया, इस दरवाजे अब तक कोई नहीं आया…

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उन्‍नाव में चुनाव है। हाथरस में हो चुका। बांदा में 20 मई को होना है। ऐसे तमाम शहरों को एक चीज जोड़ती है- बलात्‍कार। बीते बरसों में उत्‍तर प्रदेश में जितने जघन्‍य रेप कांड हुए हैं, और कहीं नहीं हुए। सबसे ज्‍यादा हल्‍ला भी यहीं मचा। ज्‍यादातर कांड दलित औरतों के साथ हुए हैं। विडम्‍बना है कि इस आम चुनाव में दलित वोटों के पीछे पड़े सत्‍ता और विपक्ष दोनों को वे दलित परिवार याद नहीं जो बरसों से अपने ही घर में कैद हैं, घुट रहे हैं, लगातार जुल्‍म झेल रहे हैं। ग्‍यारह साल की दलित बच्‍ची से 2022 में उन्‍नाव में हुए गैंगरेप पर नीतू सिंह की फॉलो-अप रिपोर्ट