श्रद्धांजलि: शीतला जी ने मिशन और सेकुलर पत्रकारिता का उच्च मापदंड स्थापित किया

अयोध्या से निकलने वाले सहकारी अखबार 'जनमोर्चा' के संस्थापक और प्रधान संपादक शीतला सिंह के निधन पर उन्हें याद कर रहे हैं 'ब्लिट्ज' से जुड़े रहे लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप कपूर

हरगोविंद जी और उनके शिष्य शीतला सिंह जी ने 1958 में फैजाबाद जिले में सहकारिता आंदोलन की तर्ज पर ‘जनमोर्चा’ डेली अखबार निकाल कर निर्भीक और सेकुलर पत्रकारिता की मिसाल कायम की, जिसकी पूरे देश में चर्चा होती है। शीतला सिंह जी जैसे निर्भीक संपादक के निधन से जहां एक ओर पूरे देश में शोक की लहर है वहीं पत्रकारिता में मिशन होना, इसकी भी चर्चा हो रही है। 

यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे हरगोविंद जी- जो महात्मा जी के नाम से जाने जाते थे- और शीतला सिंह जी से लगातार मिलने, सुनने और जानने के मौके मिले। 

मुझे याद है पहले तो हरगोविंद जी और शीतला सिंह जी से हमारे आवास पर मुलाकात होती थी जब वे मेरे पिता बिशन कपूर, जो ब्लिट्ज के ब्यूरो प्रमुख थे, उनसे मिलने आते थे और जनमोर्चा की दिक्कतें और तमाम राजनैतिक व पत्रकारिता से जुड़े मुद्दों पर बात होती थी। 

जब 1970 में लखनऊ संस्करण की बात हुई उस जमाने में हरगोविंद, शीतला सिंह जी को मदद करने के लिए सीपीआइ नेता और पत्रकार रमेश सिन्हा भी घर आते थे। तब सब मिल कर सलाह करते थे। ‘जनमोर्चा’ के लखनऊ संस्करण से जुड़े सभी पत्रकार और रिपोर्टर घर पर आते थे। वे सभी चेहरे आज भी याद हैं। 

जाहिर बात है जो मिजाज हरगोविंद जी और शीतला सिंह जी का था, तो इंदिरा गाँधी द्वारा देश में लागू आपातकाल का विरोध होना ही था। इसलिए जेल भी जाना पड़ा और ‘जनमोर्चा’ पर भी दिक्कत आई, लेकिन हरगोविंद जी और शीतला सिंह जी ने कभी हार नहीं मानी और अपनी निर्भीक और सेकुलर मिशन की पत्रकारिता में लगे रहे। 

शीतला सिंह जी ने यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट होते हुए पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए सरकार और अखबार मालिकों से बराबर संघर्ष किया। बेहतर पत्रकारिता और पत्रकारों के हितों के लिए सड़क पर भी संघर्ष किया। शीतला सिंह जी प्रेस कौंसिल के सदस्य रहे। उन्‍होंने पत्रकारों के लिए वेज बोर्ड में भी आवाज उठाई और बेहतर सहूलियात और आर्थिक सहायता व बेहतर सैलरी दिलवाई।

आज भी ‘जनमोर्चा’ बहुत बेहतर तरह से चल रहा है। वहां के पत्रकार हरगोविंद जी और शीतला सिंह जी की मिशन और सेकुलर पत्रकारिता के उच्च मापदंड को सामने रख कर काम कर रहे हैं। 

खास बात यह है कि राम जन्‍मभूमि आंदोलन के दौरान भी ‘जनमोर्चा’ का सेकुलर मिजाज कायम रहा और शीतला सिंह जी ने कभी भी किसी सरकार को अपने अखबार और विचारधारा पर हावी नहीं होने दिया। शीतला सिंह जी ने किताब लिखी ‘राम जन्‍मभूमि और बाबरी मस्जिद का सच’, जिसकी चर्चा देश में हुई। 

राम जन्‍मभूमि और बाबरी मस्जिद से जुड़े हर पहलू को जानने और समझने में शीतला सिंह जी से हम जैसे देश भर के पत्रकारों को मदद मिली। हम जब भी अपने अखबार ब्लिट्ज के लिए राम जन्‍मभूमि और बाबरी मस्जिद से जुड़े आंदोलन और मुद्दों की खबर करने फैजाबाद-अयोध्या जाते, तो शीतला सिंह जी से जरूर मिलते। वे खुल कर चर्चा भी करते और बिना खाना खिलाए लखनऊ वापस नहीं जाने देते। 

शीतला सिंह जी तो नहीं हैं लेकिन उनके चेहरे की मुस्कराहट और निर्भीक पत्रकार व सेकुलर मिजाज हमेशा हमारे साथ रहेंगे।


More from प्रदीप कपूर

श्रद्धांजलि: शीतला जी ने मिशन और सेकुलर पत्रकारिता का उच्च मापदंड स्थापित किया

अयोध्या से निकलने वाले सहकारी अखबार 'जनमोर्चा' के संस्थापक और प्रधान संपादक...
Read More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *