यूपीए या एनडीए? गदर ने कहा था- हिरन से पूछो, शेर अच्छा या चीता!
byगुम्माडि विट्ठल राव उर्फ ‘गदर’ जिंदगी भर घूम-घूम कर जनता को अपने गीतों से सत्ताओं के खिलाफ जगाते रहे। तेलंगाना राज्य बन जाने के बाद उन्होंने केसीआर द्वारा जमीनों की लूट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। तीन महीने पहले तक वे सरकार के खिलाफ पदयात्रा कर रहे थे। अचानक 6 अगस्त को हुई मौत के बाद उन्हें राजकीय सम्मान दे दिया गया। जनता के एक और नायक को जीते जी नहीं, तो मरने के बाद सत्ता ने अपनी चादर में समेट लिया। 2006 में गदर के साथ हुई मुलाकात के बहाने उन्हें याद कर रहे हैं अभिषेक श्रीवास्तव