Murder

बांदा: दलित औरत के बलात्कार को हादसा बताकर अपराधियों को बचा रही है पुलिस?

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औरतों से बलात्‍कार के बाद उनका अंग-भंग करने का चलन इधर बीच बहुत तेजी से बढ़ा है। शहरों से शुरू हुआ यह सिलसिला अब गांवों तक पहुंच चुका है। पिछले महीने बांदा में एक दलित औरत के साथ सामूहिक बलात्‍कार के बाद उसका सिर और हाथ काट दिया गया था। आरोपित भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध तीन सवर्ण पुरुष थे। पुलिस की जांच में इसे हादसा बता दिया गया। आंदोलन के दबाव में महज एक गिरफ्तारी हुई, लेकिन धाराएं हलकी कर दी गईं। पतौरा गांव में 31 अक्‍टूबर को हुई जघन्‍य घटना की अविकल फैक्‍ट फाइंडिंग रिपोर्ट

शौचालय: एक हत्यारी कथा

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मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले के एक गाँव भावखेड़ी में 25 सितम्बर को दो बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गयी थी। मीडिया में कारण यह आया था कि उन्हें खुले में शौच करते देख उसी गाँव व्यक्ति को गुस्सा आ गया और उसने बच्चों को मार डाला। सीपीआइ का एक छह सदस्यीय जांच दल मामले की तहक़ीक़ात के लिए 1अक्टूबर 2019 को शिवपुरी और भावखेड़ी गया था। ग्रामीणों और पीड़ित परिवार से तथा अन्य कर्मचारियों, शिक्षकों व बच्चों से बात करने पर जो तस्वीर उभरी, उसके आधार पर दो हत्याओं की पूरी कहानी सामने आयी है