Musahar

प्रयागराज: गरीबी, गंदगी और जहालत में मरते रहे मुसहर, ‘बिगड़े रहे देवता’ लोकतंत्र के…

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पूरे अगस्‍त हुई बारिश के बीच उत्‍तर प्रदेश में मुसहर और सहरिया समुदायों के बच्‍चे बेहद मामूली बीमारियों से मरते रहे। उल्‍टी, दस्‍त, आदि के कारण हुई मौतों से चौतरफा इनके गांवों में मातम छाया रहा, लेकिन न तो ग्राम प्रधान झांकने आए और न ही स्‍थानीय लोकसेवकों ने कोई खोज-खबर ली। महीने के आखिरी दिन प्रदेश सरकार विमुक्‍त जन दिवस का उत्‍सव मनाकर अपनी जिम्‍मेदारी से मुक्‍त हो गई। प्रयागराज के गांवों से सुशील मानव की रिपोर्ट

A Musahar family in Varanasi

बनारस : ‘विकास’ की दो सौतेली संतानें मुसहर और बुनकर

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महात्‍मा गांधी कतार के सबसे अंत में खड़े इंसान को सुख, दुख, समृद्धि आदि का पैमाना मानते थे। बनारस के समाज में मुसहर और बुनकर ऐसे ही दो तबके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दस साल की सांसदी और राज में ये दोनों तबके वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में हुए कथित विकास का लिटमस टेस्‍ट माने जा सकते हैं, जो कुछ साल पहले एक साथ भुखमरी की हालत में पहुंच गए थे जब कोरोना आया था। चुनाव से ठीक पहले बुनकरों और मुसहरों की बस्तियों से होकर आईं नीतू सिंह की फॉलो-अप रिपोर्ट