लद्दाख: संस्कृति के खोल में अधूरी ‘आजादी’ का सरकारी जश्न
बौद्ध बहुल लद्दाख ने कभी मुस्लिम बहुल जम्मू और कश्मीर से आजादी चाही थी। 5 अगस्त, 2019 को तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने से लद्दाख को आजादी तो मिली, लेकिन किस कीमत पर? उसकी पर्वतीय परिषद की स्वायत्तता जाती रही। अब अधूरी आजादी को लेकर वहां के लोग छठवीं अनुसूची और पूर्ण राज्य के दरजे की लड़ाई लड़ रहे हैं। उधर सरकार स्थानीय सांस्कृतिक महोत्सव की शक्ल में यह आजादी उसे बेचने की कोशिश कर रही है। बीच में करगिल अपनी अलहदा धार्मिक पहचान के चलते खुद को फंसा हुआ पा रहा है। लेह और करगिल से लौटकर रोहिण कुमार की फॉलो-अप रिपोर्ट