COVID के भुला दिए गए सबक और नए साल में आसन्न खतरों की फेहरिस्त
byपांच साल पहले भी नया साल आया था, लेकिन एक वायरस के साये में और दो-तीन महीने के भीतर पूरी दुनिया सिर के बल खड़ी हो गई। अरबों लोग घरों में कैद हो गए। लाखों लोग घर पहुंचने के लिए सड़कें नापते-नापते हादसों की भेंट चढ़ गए। संस्थाएं पंगु हो गईं। व्यवस्थाएं चरमरा गईं। हमारी कोई तैयारी ही नहीं थी एक अदद वायरस से निपटने के लिए, जबकि आने वाला समय ऐसे ही तमाम और वायरसों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भूराजनीतिक टकरावों और जलवायु परिवर्तन के सामने निहत्था खड़ा है।