बाग बाग में आग
byपूर्वांचल में मुआवजा न लेने और जमीन न देने के नारे के साथ खिरिया बाग से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन अंडिका बाग के आंदोलन के लिए नजीर बन चुका है।
पूर्वांचल में मुआवजा न लेने और जमीन न देने के नारे के साथ खिरिया बाग से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन अंडिका बाग के आंदोलन के लिए नजीर बन चुका है।
बात कलकत्ता 1968 की है. उस साल की सड़कों पर जिस सबसे दुस्साहसिक नक्सली गौर…
“प्रोज़ैक नेशन” और “बिच” की लेखिका एलीज़ाबेथ वुर्टज़ेल अस्सी और नब्बे के दशक की एक प्रखर नारीवादी लेखिका थीं। उनका यह आखिरी ख़त जेन पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले के एक गाँव भावखेड़ी में 25 सितम्बर को दो बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गयी थी। मीडिया में कारण यह आया था कि उन्हें खुले में शौच करते देख उसी गाँव व्यक्ति को गुस्सा आ गया और उसने बच्चों को मार डाला। सीपीआइ का एक छह सदस्यीय जांच दल मामले की तहक़ीक़ात के लिए 1अक्टूबर 2019 को शिवपुरी और भावखेड़ी गया था। ग्रामीणों और पीड़ित परिवार से तथा अन्य कर्मचारियों, शिक्षकों व बच्चों से बात करने पर जो तस्वीर उभरी, उसके आधार पर दो हत्याओं की पूरी कहानी सामने आयी है
खूबसूरत कश्मीरी ‘लड़कियों’ से शादी का अरमान पालने वाले हिन्दू राष्ट्रवादी मर्दों के बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है, लेकिन कुछ सवाल हैं कि फिर भी कायम हैं.
क्या कोई वैश्विक षडयंत्र हो रहा है इस बात को झुठलाने के लिए कि घोड़े और तीलीदार पहिए वाले रथ आज से 9000 साल पहले भारतीय सभ्यता का हिस्सा थे? पौराणिक इतिहासकार आखिर लगातार क्यों कहते हैं कि भारतीय लोग 200 साल से एक जटिल पश्चिमी षडयंत्र का शिकार हो रहे हैं जिसमें सैकड़ों वैज्ञानिक, इतिहासकार, भाषाविज्ञानी और पुरातत्ववेत्ता शामिल हैं?