अदाणी समूह में वित्तीय अनियमितताओं के बारे में शॉर्टसेलर फर्म हिंडेनबर्ग की जनवरी में आई विस्फोटक रिपोर्ट के आधार पर अमेरिकी अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि अदाणी समूह ने अपने अमेरिकी निवेशकों को क्या जानकारी दी थी। ब्लूमबर्ग ने यह खबर जारी की है। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में गौतम अदाणी की कंपनी पर शेयर की कीमतों में चोरी-छुपे हेरफेर करने के लिए ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।
न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन स्थित यूस अटॉर्नी के कार्यालय ने हाल के महीनों में उन संस्थागत निवेशकों से पूछताछ की है, जिनकी अदाणी समूह में बड़ी हिस्सेदारी है। ब्लूमबर्ग ने एक अनाम व्यक्ति के हवाले से बताया है कि अटॉर्नी कार्यालय द्वारा जानकारी का अनुरोध इस बात पर केंद्रित था कि अदाणी समूह ने अपने निवेशकों को क्या बताया है। दो अन्य लोगों के मुताबिक अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) में भी इसी तरह की जांच अदाणी के खिलाफ चल रही है।
इस खबर को नेट एंडरसन उस खुद ट्वीट किया है, जो हिंडेनबर्ग रिसर्च के मुख्य कार्यकारी हैं।
अमेरिकी एजेंसियों से जानकारी के अनुरोध और पूछताछ का अनिवार्यत: यह मतलब नहीं है कि उनके ऊपर कोई आपराधिक कार्रवाई की ही जाएगी क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अक्सर ऐसी जांच भी करती हैं जो किसी कार्रवाई में तब्दील नहीं हो पाती हैं।
अदाणी समूह के खिलाफ भारत में पहले से ही जांच चल रही है। हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लंबे समय से स्टॉक में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाए जाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों की अदाणी में पैदा हुई दिलचस्पी नया घटनाक्रम है, वो भी एक ऐसे वक्त में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं।
अदाणी के अमेरिकी निवेशकों से पूछताछ की यह खबर उस वक्त सामने आई जब राष्ट्रपति जो बाइडेन वाइट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत कर रहे थे। इस खबर के आलोक में अदाणी समूह के सभी 10 शेयरों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट आई, जिसमें प्रमुख अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयर 5 प्रतिशत तक गिर गए।
अदाणी समूह के अहमदाबाद स्थित एक प्रवक्ता के मुताबिक उसे कंपनी द्वारा निवेशकों को दी गई किसी भी तरह की जानकारी या भुगतान के बारे में कोई सूचना नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे विभिन्न जारीकर्ता समूहों को भरोसा है कि ये खुलासे पूर्ण हैं, जैसा कि संबंधित जारीकर्ता ने परिपत्र जारी करने वाले में खुलासा किया है।‘’ समूह ने शॉर्टसेलर के आरोपों से पहले ही इनकार किया है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार न्यूयॉर्क अटॉर्नी कार्यालय के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के प्रवक्ता और एसईसी ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
अदाणी समूह की परेशानी तब शुरू हुई जब 24 जनवरी को हिंडेनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें समूह पर शेयर की कीमतों और वित्तीय परिणामों को बढ़ाने के लिए टैक्स हेवन में ऑफशोर कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग करने का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि समूह ने डिसक्लोजर और शेयरधारिता कानूनों का उल्लंघन किया है।
अदाणी समूह ने आरोपों को खारिज कर दिया और एक लंबे खंडन में कहा कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट “एक सोची समझी प्रतिभूति धोखाधड़ी से कम नहीं थी।‘’ फिर भी, शेयर की कीमतों में भारी गिरावट के बाद एक बिंदु पर अदाणी समूह के 10 सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाले व्यवसायों के संयुक्त बाजार मूल्य से 153 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हुआ।
कुछ निवेशकों ने काफी तेजी से कंपनी से अपना पैसा निकाल लिया। रिपोर्ट के आगामी हफ्ते में जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी ने अपने ईएसजी फंडों में से अदाणी के शेयरों की कटौती कर दी। ब्लैकरॉक इंक और ड्यूश बैंक एजी की फंड प्रबंधन इकाई जैसे अन्य संस्थागत धन प्रबंधकों ने काम ठप रखा। रिपोर्ट के बाद के महीन में जीक्यूजी पार्टनर्स एलएलसी ने अदाणी समूह के पांच शेयरों में लगभग 2.5 बिलियन डॉलर खर्च किए।
ब्लूमबर्ग ने उस वक्त रिपोर्ट की थी कि कैसे अपने निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए अदाणी समूह ने मार्च में पैसिफिक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी, ब्लैकरॉक और ब्लैकस्टोन इंक के साथ मुलाकात की थी। उसकी योजना अपनी कुछ निजी कंपनियों के लिए निजी तौर पर रखे गए बॉन्ड का विपणन करने की थी।
पिमको, ब्लैकरॉक, ब्लैकस्टोन के प्रवक्ताओं ने इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।
नेट एंडरसन के नेतृत्व में न्यूयॉर्क स्थित हिंडेनबर्ग ने पहली बार 2020 में वॉल स्ट्रीट का ध्यान आकर्षित किया, जब इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता निकोला कॉर्प के बारे में उसने कुछ खुलासे किए थे। मैनहैटन के अभियोजकों ने उसी आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ाया था जिसकी परिणति 2022 में निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को धोखाधड़ी के आरोप में दंड के रूप में हुई। अदाणी के कारोबारी तरीकों के ऊपर हिंडेनबर्ग के आरोप पहले नहीं हैं। अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क स्थित वित्तीय और बीमा कंपनी फिच ग्रुप की क्रेडिटसाइट्स यूनिट ने चेताया था कि अदाणी समूह बहुत ज्यादा कर्जे में डूबा है और बहुत बुरी स्थिति में वह दिवालिया भी हो जा सकता है। इसी रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा गया था कि अदाणी समूह इसलिए राहत मे है क्योंकि बैंकों और भारत की सरकार के साथ उसके रिश्ते मजबूत हैं।
अदाणी समूह से जुड़ी सभी खबरें यहां पढ़ें: