Privacy

जन-प्रतिनिधियों को ‘सेल्समैन’ और अपने कार्यकर्ताओं को ‘डेटा चोर’ क्यों बना रही है भाजपा?

by

चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनने की भाजपा की ख्‍वाहिश ने न सिर्फ करोड़ों आम लोगों को अनजाने में उसका प्राथमिक सदस्‍य बना दिया है, बल्कि पार्टी का आंतरिक चरित्र भी बदल डाला है। अब भाजपा के नेता और जन-प्रतिनिधि नेतृत्‍व के दिए ‘टारगेट’ की खुलेआम सेल्‍समैनी कर रहे हैं और उसके कार्यकर्ता धोखे से लोगों का डेटा चुरा रहे हैं- महज पांच, दस, बीस, रुपये के लिए! उत्‍तर प्रदेश के बुंदेलखंड से अमन गुप्‍ता की रिपोर्ट

आंकड़ों का राष्ट्रवाद: डेटा सुरक्षा और निजता की चिंताओं के बीच गांधी के सबक

by

संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संक्षिप्‍त संबोधन में कैबिनेट से पारित हो चुके डेटा प्रोटेक्‍शन बिल 2023 का नाम लिया, जिसे इस सत्र में सदन के पटल पर रखा जाना है। ऐसा लगता है कि सरकार नागरिकों के डेटा और निजता को लेकर काफी संवेदनशील है, लेकिन कहानी ठीक उलटी है। ऐसे ही एक बिल डीएनए प्रौद्योगिकी विनियमन विधेयक, 2019 को इस सत्र में वापस लेने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। डेटा, राष्‍ट्रवाद, नागरिकों की जासूसी और निजता के रिश्‍तों को विस्तार से समझा रहे हैं डॉ. गोपाल कृष्‍ण