पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में भयंकर हिंसा के बाद विपक्षी दलों की शिकायत के बाद आज केंद्रीय बलों निगरानी में राज्य के 697 केन्द्रों पर पुनर्मतदान हुआ। इस दौरान भी राज्य के विभिन्न हिस्सों से छिटपुट हिंसा की खबरें आईं, लेकिन कुल मिलाकर आज का मतदान शांतिपूर्ण रहा। इस बीच राज्यपाल आनंद बोस दिल्ली पहुंच चुके हैं, उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है और पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की रिपोर्ट सौंपी है।
सोमवार को दो मौतों की सूचना के साथ, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में हताहतों की कुल संख्या अब तक 38 तक पहुंच गई है। इस बीच मरने वालों की संख्या 9 जुलाई को बढ़कर 18 हो गई थी, हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि पुलिस के मुताबिक मतदान के दिन 8 जुलाई को कुल 10 लोगों की मौत हुई थी।
जिन जिलों में पुनर्मतदान हुआ है, उनमें हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक 175 बूथ हैं, इसके बाद मालदा में 109 बूथ हैं। नदिया में 89, कूच बिहार में 53, उत्तर 24 परगना में 46, उत्तर दिनाजपुर में 42, दक्षिण 24 परगना में 36, पूर्वी मेदिनीपुर में 31 और हुगली के 29 बूथों पर भी पुनर्मतदान हुए। दार्जिलिंग, झाड़ग्राम और कलिम्पोंग जिलों में पुनर्मतदान का आदेश नहीं दिया गया।
इस बीच बड़ी खबर यह है कि डेटोनेटर की बरामदगी के मामले में एनआइए ने टीएमसी नेता मनोज घोष को बीरभूम के नलहाटी से गिरफ्तार कर लिया है। बीते 28 जून को एनआइए ने घोष के घर और दफ्तर में छापामारी के बाद भारी संख्या में विस्फोटक बरामद किया था।
आज पुनर्मतदान दौरान मुर्शिदाबाद में एक तालाब के किनारे खेत से 35 देसी बम बरामद हुए। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सभी बमों को निष्क्रिय कर दिया।
हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए भाजपा ने चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया है। इसमें भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद, सत्यपाल सिंह, राजदीप रॉय और रेखा वर्मा शामिल हैं।
शनिवार, 8 जुलाई की शाम को मतदान खत्म होने के बाद राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा था कि सुपरवाइजर और रिटर्निंग अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद वोट से छेड़छाड़ की शिकायतों पर गौर करने और हिंसा वाली जगहों पर फिर से मतदान पर फैसला करेंगे। मतदान के दौरान हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए रविवार 9 जुलाई को राज्य चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि उन सभी बूथों पर सोमवार 10 जुलाई को फिर से मतदान होगा जहां मतदान रद्द घोषित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि राज्य में पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद से हिंसा शुरू हो गई थी और लोग मारे जा रहे थे। हिंसा का यह सिलसिला लगातार जारी रहा और मतदान के दिन 8 जुलाई को इस हिंसा ने और भी भयंकर रूप ले लिया जिसमें मतदान के पहले ही घंटे में कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
हिंसा के खिलाफ कोलकाता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर हुई है जिसमें इस हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक मुआवजे की मांग की गई है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि इस हिंसा के लिए बंगाल सरकार जिम्मेदार हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब राज्य में केंद्रीय बल तैनात थे तो 15 लोगों की मौत कैसे हो गई?
रविवार को कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने बीएसएफ के पूर्वी कमांड के आइजी को पत्र लिखकर 10 तारीख को होने वाली पुनर्मतदान के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था।
इससे पहले राज्य में चुनावी हिंसा को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को संवेदनशील केन्द्रों की पहचान कर वहां केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया था।
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