Violence

तीन साल बाद भूलगढ़ी: हाथरस की वह घटना, जिसने लोकतंत्र को नाकाम कर दिया

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आज हाथरस गैंगरेप कांड को तीन साल हो गए। तकनीकी रूप से साबित किया जा चुका है कि यह रेप कांड नहीं था। हत्‍या की मंशा भी नहीं थी। केवल एक आदमी जेल में है, तीन बाहर। परिवार कहीं ज्‍यादा सघन कैद में, जिसका घर सीआरपीएफ की छावनी बन चुका है। गांव से बाहर निकलने की छटपटाहट अदालतों में नाकाम हो चुकी है, हाथरस से शुरू हुई बंटवारे की राजनीति कामयाब। एक जीता-जागता गांव कैसे तीन साल में मरघट बन गया, बता रही हैं गौरव गुलमोहर के साथ भूलगढ़ी से लौटकर नीतू सिंह इस फॉलो-अप स्‍टोरी में

दिल्ली में मेरा घर जला दिया गया… रामायण और कुरान दोनों को आंच आई है!

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दिल्‍ली में 30 अगस्‍त की सुबह एक महिला पत्रकार खुशबू अख्‍तर का घर जला दिया गया। जलाने वालों का अब तक कोई सुराग नहीं, लेकिन इसके हादसा होने की गुंजाइश भी नगण्‍य है। इस आग में सिर्फ एक घर नहीं जला है, साझा संस्‍कृति के प्रतीक भी जलकर खाक हुए हैं। यह घटना इसलिए गंभीर है क्‍योंकि धर्मनिरपेक्षता के प्रति इस पत्रकार की विश्वसनीयता असंदिग्ध है। बीते कुछ वर्षों के दौरान वंचितों और अल्‍पसंख्‍यकों के सवालों को खुशबू ने जिस साहस और निरंतरता के साथ उठाया है, वह इस घटना की मंशाओं की ओर संकेत करता है। खुशबू अख्‍तर की कलम से ही पूरी आपबीती

मणिपुर: हथियारों की लूट, सुरक्षाबलों पर FIR, और अब 15 अगस्त का बहिष्कार!

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आज पूरा देश जब स्‍वतंत्रता दिवस मना रहा है, मणिपुर में सतरह घंटे की बंदी है। मैतेयी सशस्‍त्र संगठन कॉरकॉम ने स्‍वतंत्रता दिवस के बहिष्‍कार का आह्वान कर दिया है। कुछ संगठनों ने 14 अगस्‍त को ही अपनी आजादी का दिवस मना लिया है। 3 मई से शुरू हुई हिंसा सरकारी हथियारों की लूट से लेकर सशस्‍त्र बलों पर एफआइआर और पुलिस के साथ तनाव में तब्‍दील होते हुए इस स्थिति त‍क आखिर कैसे पहुंच गई जबकि पिछले ही हफ्ते कुकी नेता गृहमंत्री से दिल्‍ली में मिलकर गए हैं? मणिपुर से लौटकर रोहिण कुमार की श्रृंखला की तीसरी कड़ी

“मेरा दिल टूट गया है, बंगाल का भविष्य अंधकारमय है”: अपर्णा सेन का ममता बनर्जी को खुला पत्र

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कभी ममता बनर्जी के पीछे बंगाल का तकरीबन समूचा बौद्धिक समाज खड़ा हुआ था। महज तीन साल पहले फिल्‍मकार और अभिनेत्री अपर्णा सेन का नाम उन 49 बौद्धिकों में था जिन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र लिखकर मॉब लिंचिंग जैसी नफरत भरी घटनाओं के लिए सरकार की निंदा की थी। उस समय खुद ममता बनर्जी ने अपर्णा सेन ओर अन्‍य के लिखे का समर्थन किया था। कहानी अब पलट चुकी है।

प. बंगाल: भाजपा की याचिका में अटक गया पंचायत चुनाव परिणाम, ममता के निशाने पर ‘राम, श्याम, वाम’

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पंचायत चुनावों में हिंसा को लेकर अदालत का रुख शुरुआत से ही बहुत सख्त बना हुआ है। चुनाव संपन्न होने के बाद पूरी चुनावी प्रक्रिया में हिंसा और गड़बड़ी को लेकर अदालत में तीन जनहित याचिकाएं दाखिल हुई थीं जिन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बुधवार को चुनाव नतीजे अपने अधीन कर लिए

प. बंगाल: चुनाव नतीजे से पहले शाह से मिले गवर्नर, बोले ‘बसंत दूर नहीं है’!

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सोमवार को दो मौतों की सूचना के साथ, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में हताहतों की कुल संख्या अब तक 38 तक पहुंच गई है।

मणिपुर: ‘राजकीय हिंसा’ पर बहस के लिए SC ‘सही मंच नहीं’, मीडिया में बोलने वालों पर FIR

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आज सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई में मणिपुर की हिंसा से अपना पल्‍ला पूरी तरह झाड़ लिया और इसे राज्‍य सरकार का मसला करार दिया। मणिपुर के विभिन्‍न समूहों की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्‍य न्‍यायाधीश चंद्रचूड़ और और पीएस नरसिम्‍हा की पीठ ने साफ कहा कि वह राज्‍य में कानून व्‍यवस्‍था का मसला अपने हाथ में नहीं सकती, ज्‍यादा से ज्‍यादा अधिकारियों को हालात बेहतर करने के सुझाव दे सकती है।

प. बंगाल: एक दिन चौदह मौतें, TMC के 8874 निर्विरोध प्रत्याशियों के साथ चुनाव सम्पन्न

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जितनी मौतें महीने भर की चुनावी प्रक्रिया में हुई थीं, उतनी ही जानें आज एक दिन के भीतर चली गईं। इस तरह पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा की परंपरा इस बार भी बेरोकटोक जारी रही, जो सीपीएम के जमाने से चली आ रही है।

प. बंगाल: पंद्रह लाशों के ढेर पर लोकतंत्र के पंचवर्षीय नृत्य का सज चुका है मंच

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पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के लिए प्रचार गुरुवार, 6 जुलाई की शाम को समाप्त हो गया। मतदान कल होना है। नतीजे 11 जुलाई को घोषित होंगे। कुल मिलाकर अब तक 15 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। हाइकोर्ट ने मतगणना समाप्त होने के बाद 10 दिनों तक केंद्रीय बलों को राज्य में तैनात रखने का निर्देश दिया है।

बारह साल बाद चुनाव प्रचार करने उतरी मुख्यमंत्री की बाल-बाल बची जान

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बीएसएफ की ओर से एक लिखित स्‍पष्‍टीकरण आया जिसमें उसने ममता के लगाए आरोपों को निराधार करार दिया। अभी तक राज्‍यपाल और हाइकोर्ट के साथ ममता बनर्जी की सरकार टकराव में थी। पहली बार केंद्रीय सैन्‍य बलों पर मुख्‍यमंत्री ने आरोप लगाया है।