Madhya Pradesh

देश के सबसे कम शिक्षित जिले में अपने जंगलों को कैसे बचाए हुए हैं भील आदिवासी

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आजादी के पचहत्‍तर साल में वन अधिकार पर अब जाकर कुछ बातें हो रही हैं और परंपरागत वनवासियों को कहीं-कहीं पट्टे दिए भी जा रहे हैं, लेकिन कुछ आदिवासी इलाके ऐसे हैं जहां जंगल को बचाने का विवेक और तकनीक बरसों से कायम है। मध्‍य प्रदेश का अलीराजपुर ऐसा ही एक जिला है, जिसे सबसे पिछड़ा माना जाता है। बावजूद इसके यहां के लोग अपने अधिकारों को लेकर सबसे जागरूक दिखाई देते हैं। अलीराजपुर के ककराना से आदित्‍य सिंह की रिपोर्ट

नरसिंहपुर का चुनावी बांध: यहां विरोध मना है क्योंकि परियोजना का बनना तय है

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एक बांध परियोजना, जिसे सात साल पहले कई कारणों से बंद कर दिया गया था, कोरोनाकाल में दोबारा शुरू की गई। मध्य प्रदेश के तीन जिलों के सौ से ज्यादा गांव आज डूब की जद में हैं, लेकिन प्रशासन मौन है। नरसिंहपुर से ब्रजेश शर्मा सुना रहे हैं विकास की एक नई कहानी

वोट के लिए नौकरी? मध्य प्रदेश में पेसा की भर्तियों पर सवाल

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विधानसभा में दी गई एक जानकारी के मुताबिक सरकार ने बीते अप्रैल से इस साल की शुरुआत तक 21 लोगों को रोजगार दिया है। वहीं रोजगार कार्यालयों के संचालन पर करीब 16.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

शौचालय: एक हत्यारी कथा

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मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले के एक गाँव भावखेड़ी में 25 सितम्बर को दो बच्चों की नृशंस हत्या कर दी गयी थी। मीडिया में कारण यह आया था कि उन्हें खुले में शौच करते देख उसी गाँव व्यक्ति को गुस्सा आ गया और उसने बच्चों को मार डाला। सीपीआइ का एक छह सदस्यीय जांच दल मामले की तहक़ीक़ात के लिए 1अक्टूबर 2019 को शिवपुरी और भावखेड़ी गया था। ग्रामीणों और पीड़ित परिवार से तथा अन्य कर्मचारियों, शिक्षकों व बच्चों से बात करने पर जो तस्वीर उभरी, उसके आधार पर दो हत्याओं की पूरी कहानी सामने आयी है