प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज’: गांधी के नाम पर एक और संयोग या संघ का अगला प्रयोग?
byबारह साल पहले गांधी का नाम लेकर आम आदमी के नाम पर दिल्ली में एक राजनीतिक पार्टी बनी थी। अबकी गांधी जयंती पर पटना में जन के नाम पर एक और पार्टी बनी है। आम आदमी पार्टी और जन सुराज दोनों के मुखिया देश में नरेंद्र मोदी के राजनीतिक उदय की न सिर्फ समानांतर पैदाइश दिखते हैं, बल्कि दोनों की विचारधारा से लेकर कार्यशैली तक में काफी समानताएं हैं। बिहार असेंबली चुनाव के ठीक पहले जन सुराज के बनने को वहां के लोग कैसे देख रहे हैं? क्या यह नई पार्टी कथित राजनीतिक वैक्युम में कोई विकल्प दे पाएगी? दो अक्टूबर को पटना में जन सुराज के अधिवेशन से लौटकर विष्णु नारायण की विस्तृत रिपोर्ट