पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में पर्चा दाखिल करने से लेकर मतदान के पहले तक एक महीने में 15 मौतें हुई थीं। आश्चर्यजनक रूप से मतदान के दिन आज अकेले 14 मौतें हुई हैं। एक झटके में मरने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है।
विपक्षी दलों और अदालत द्वारा जताई जा रही आशंका के मुताबिक भारी हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल में तीन स्तरीय पंचायत चुनाव आज खत्म हुआ। इस हिंसा में 14 लोगों की मौत हो गई और कई दर्जन लोग घायल हुए। सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के साथ ही हिंसा में तेजी आई और मतदान शुरू होने के पहले चार-पांच घंटे में 11 लोगों की मौत हो चुकी थी। कई जगह बम फेंके गए, मतपेटी लूटी गई। मुर्शिदाबाद में करीब 100 घायल हैं, नदिया में मतदान केंद्र पर तैनात सेंट्रल फोर्स के जवानों पर 20 से अधिक बम फेंक कर बमबारी की गई, हुगली के आरामबाग में मतदान पेटी को पानी में फेंका गया और संदेशखाली में बूथ एजेंटों और उम्मीदवारों का बंदूक की नोक पर अपहरण का आरोप है।
कुल 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर मतदान हुए, बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं।
अब तक मिली सूचनाओं के मुताबिक मुर्शिबाद में 5, कूच बिहार में 3, पूर्वी बर्दवान में 2, उत्तरी दिनाजपुर में 2, मालदा, नदिया और दक्षिण 24 परगना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस हिंसा के लिए सत्तापक्ष और विपक्षी दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है। शाम पांच बजे तक 66 फीसदी मतदान की खबर थी जबकि सुबह 11 बजे तक केवल 22 फीसदी ही वोटिंग हुई थी।
हिंसा को देखते हुए कांग्रेस ने कोलकाता उच्च न्यायालय से इस चुनाव को अवैध और अमान्य घोषित करने की मांग की है। कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि राज्य में पंचायत चुनावों को अमान्य घोषित किया जाए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य में टीएमसी के गुंडों द्वारा हत्याएं हो रही हैं, बम फेंके जा रहे है। वहीं टीएमसी ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों को दोषी करार दिया है।
हिंसा के विरोध में राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं नंदीग्राम से बीजेपी सांसद और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने लोगों से जनविद्रोह की अपील करते हुए कहा कि “कालीघाट जहां मुख्यमंत्री का निवास है, वहां तक जुलूस निकाला जाय, उन्हें गोली चलाने दीजिए, इसमें दस-बीस लोग मारे जाएंगे, उनमें मैं भी शामिल होना चाहूंगा, लेकिन करोड़ों लोगों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।‘’ अधिकारी ने आगे कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प बचे हैं, या तो राष्ट्रपति राज्य में अनुच्छेद 355 या 356 लागू करें या नए सिरे से चुनाव कराए जाएं।”
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में शांति बहाल करने की मांग की है।
सत्ताधारी टीएमसी ने कहा है चुनावी हिंसा के लिए बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस दोषी हैं। चुनाव करना निर्वाचन आयोग का काम है, सरकार की इसमें कोई कोई भूमिका नहीं है। निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा है कि सिर्फ तीन मौतें हुई हैं और ‘जरूरत पड़ी तो कराए जाएंगे पुनर्मतदान’। उन्होंने कहा कि ‘कौन किसको गोली मार देगा, इसकी गारंटी नहीं, हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन की, प्रबंधन सही रखना हमारी जिम्मेदारी है’।
शनिवार सुबह कूचबिहार के फलीमारी ग्राम पंचायत में भाजपा के एक पोलिंग एजेंट की कथित तौर पर हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान माधव विश्वास के रूप में हुई है। वहीं मालदा के मानिकचौक में गोपालपुर ग्राम पंचायत में कांग्रेस समर्थित उपद्रवियों ने कथित तौर पर एक तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या कर दी, दोनों पक्षों के बीच झड़प में कम से कम आठ लोग घायल हो गए। मुर्शिदाबाद में हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में दो टीएमसी कार्यकर्ता मारे गए, जिले के रेजीनगर पीएस क्षेत्र के बेलडांगा में एक स्थानीय टीएमसी उम्मीदवार के ससुर याशीन शेख की हत्या कर दी गई और खारग्राम में सहाबुद्दीन शेख की हत्या कर दी गई।
उत्तर 24 परगना के कदंबगाछी में एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक की कथित तौर पर टीएमसी समर्थित गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उत्तर दिनाजपुर के छपरा में एक टीएमसी कार्यकर्ता अमजद हुसैन की कथित तौर पर वाम-कांग्रेस गठबंधन के समर्थकों ने हत्या कर दी, 11 टीएमसी कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए। वहीं, कूचबिहार के दिनहाटा में ग्राम वन ग्राम पंचायत में दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई है।
मुर्शिदाबाद के लालगोला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और टीएमसी के बीच चल रही झड़प के दौरान तृणमूल समर्थकों द्वारा बुरी तरह पीटे जाने के बाद सीपीएम कार्यकर्ता रौशन अली की मौत हो गई।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा विपक्ष ड्रामा कर रहा है, हिंसा में मारे जा रहे लोग तृणमूल कार्यकर्त्ता हैं। घोष ने हिंसा की घटनाओं के लिए केन्द्रीय बलों पर भी सवाल उठाया है। पार्टी ने इस हिंसा के लिए विपक्ष को जिम्मेदार बताया है साथ ही इसमें राज्यपाल को भी शामिल बताया है।
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी देर शाम कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय में पहुंचे। आयोग कार्यालय से बाहर आकर उन्होंने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र को मिटा दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे हिंसा प्रभावित स्थानों की सीसीटीवी फुटेज देखना चाहते हैं।
सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी करने और राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं करने के लिए आइजी बीएसएफ और बंगाल पंचायत चुनाव के बल समन्वयक को अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा है।
सुबह से ही मतदान शुरू होने के साथ कई जगहों पर भारी बमबारी और फायरिंग की ख़बरें आने लगी थीं। दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर में सुबह 9 बजे ही मतदान खत्म होने की सूचना आई थी। क्षेत्र के लोगों ने सत्तारूढ़ दल पर मतदान से रोकने का आरोप लगाया। बरूईपुर के तृणमूल विधायक विभास सरदार का नाम वोटर लिस्ट से गायब था, इसके पीछे उन्होंने षडयन्त्र का आरोप लगाया। डायमंड हार्बर में भी हिंसा और मतपेटी की लूट और तोड़फोड़ की घटना हुई।
चुनाव प्रक्रिया के आरम्भ से लेकर अब तक करीब 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
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