Politics

Labour leader Keir Starmer’s vctory celebrations in London

ब्रिटेन : इतिहास की सबसे ज्यादा ‘सर्वहारा’ सरकार से क्या उम्मीद की जानी चाहिए?

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लेबर पार्टी के नेता कीर स्‍टार्मर की आगामी कैबिनेट में जितने सदस्‍य मजदूर तबके की पैदाइश हैं, उतने ब्रिटेन के इतिहास में किसी सरकार में कभी नहीं रहे। इसका मतलब क्‍या है? क्‍या इसका नीति-निर्माण पर कोई खास असर पड़ेगा या ब्रिटेन के पैदाइशी अभिजात्‍यों के दबाव में अपने वर्ग के लिए कुछ करने की उनकी लालसा दबी ही रह जाएगी? प्रोजेक्‍ट सिंडिकेट के सौजन्‍य से समाजशास्‍त्री एरन रीव्‍स और सैम फ्रीडमैन का आकलन

Marine Le Pen

यूरोप चुनाव: बढ़ते मसखरों के बीच नए फासिस्‍टों का मंडराता साया

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इस महीने यूरोपीय संसद के लिए हुए चुनावों के बाद अब मुख्‍यधारा के राजनीतिक दल और नेता धुर दक्षिणपंथ के साथ एक नाव में सवार होने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। इस तरह, दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद यूरोप के लोकतांत्रिक देशों द्वारा ‘फासिस्‍टों से गठजोड़ न करने’ के अपनाए गए सिद्धांत को चुपके से तिलांजलि दे दी गई है। अब यूरोप को फासिस्‍ट कुबूल हैं। प्रोजेक्‍ट सिंडिकेट के साथ फॉलो-अप स्‍टोरीज की विशेष व्‍यवस्‍था के तहत प्रतिष्ठित चिंतक स्‍लावोइ ज़ीज़ेक का विश्‍लेषण

BJP Office in Durgapur set on fire by TMC members

पश्चिम बंगाल: न सांप्रदायिकता हारी है, न विकास जीता है

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पश्चिम बंगाल के चुनावी मैदान में चार दलों के होने के बावजूद मतदाताओं के लिए महज भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच आर-पार बंट गया लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अब हिंसक रंग दिखा रहा है। केंद्र में सरकार बन चुकी है, लेकिन मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘अवैध और अलोकतांत्रिक’ करार दिया है। भाजपा फिलहाल चुप है, लेकिन बंगाल में उसकी सीटों में आई गिरावट को सांप्रदायिकता पर जनादेश मानना बड़ी भूल होगी। चुनाव परिणामों के बाद बंगाल के मतदाताओं से बातचीत के आधार पर हिमांशु शेखर झा का फॉलो-अप

INDIA candidates from Bihar's Karakat, Ujiyarpur and Begusarai Loksabha

चुनाव में Fake News : बिहार से विपक्ष के प्रत्याशियों की जुबानी फर्जी खबरों की कहानी

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आम चुनाव के अंतिम चरण का प्रचार अब थम चुका है। चार जून को नतीजे आएंगे। क्‍या इस चुनाव पर Fake News का कोई फर्क पड़ा है? क्‍या प्रत्‍याशियों के प्रचार अभियान पर दुष्‍प्रचार का असर पड़ा है? संसदीय चुनाव में खड़े उम्मीदवारों से बातचीत इस समस्या के अनकहे पहलुओं और जमीनी हकीकत को पेश करती है। फेक न्‍यूज पर प्रकाश डालने के साथ बिहार से इंडिया गठबंधन के तीन प्रत्‍याशियों से बातचीत कर रहे हैं डॉ. गोपाल कृष्‍ण

Manikarnika Ghat Varanasi

दस साल बनारस : क्योटो के सपने में जागता, खुली आंख हारता एक शहर…

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‘बना रहे बनारस’- काशी के लोग न अब यह बात कहते हैं, न ही यहां कोई इसे सुनना पसंद करता है। बनारस का आदमी चौबीसों घंटे महसूस कर रहा है कि बनारस सदियों से जैसा था न तो वैसा रह गया, न आगे ही इसका कुछ बन पाएगा। दस साल से क्‍योटो देखने का सपना संजोए बनारसियों के साथ जो वीभत्‍स खेल हुआ है उसके बाद उनकी स्थिति ऐसी है कि न तो कुछ कहा ही जा रहा है, न कहे बिन रहा ही जा रहा है। फिर भी सब कह रहे हैं, जीतना नरेंद्र मोदी को ही है। बनारस का 2014 से 2024 तक का सफरनामा अभिषेक श्रीवास्‍तव की कलम से

Narendra Modi and Mohan Bhagwat

आत्मनिर्भर भाजपा : क्या नाक से बड़ी हो चुकी है नथ?

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भाजपा अब अपने बूते काम करने में समर्थ है और आरएसएस पर उसकी निर्भरता नहीं रही- सत्‍ताधारी पार्टी का अध्‍यक्ष अपनी मातृ संस्‍था पर ऐसा बयान देकर निकल जाए और देश में कहीं चूं तक न हो? ऐसा ही बयान यदि कांग्रेस अध्‍यक्ष ने गांधी परिवार के बारे में दिया होता तो विवाद की सहज कल्‍पना की जा सकती है। क्‍या हैं इस बयान के निहितार्थ? संघ-भाजपा के रहस्‍यमय रिश्‍तों पर व्‍यालोक की पड़ताल

Representational picture of left flag between BJP

पश्चिम बंगाल: पुराने गढ़ जादवपुर में राम और अवाम की लड़ाई में भ्रमित वाम

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पश्चिम बंगाल के आखिरी चरण में मतदान कोलकाता और उसके आसपास भद्रलोक के इलाके में पहुंच रहा है। यहां का अभिजात्‍य वाम समर्थक बौद्धिक वर्ग जहां इस बार उदासीन दिखता है, वहीं गांव-कस्‍बों के लोगों के बीच तृणमूल के कल्‍याणकारी लाभों की चर्चा है जबकि भाजपा उसके भ्रष्‍टाचार को मुद्दा बनाए हुए है। जमीन से नित्‍यानंद गायेन की रिपोर्ट

PM Modi's first elecion meeting in Haryana on May 18, 2024 when the lotus came down

हरियाणा: किसानों, नौजवानों और पहलवानों ने मिलकर भाजपा को तितरफा घेर लिया है!

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चार साल से हरियाणा केंद्र सरकार के गले की फांस बना हुआ है। पहले किसान, फिर नौजवान और अंत में पहलवान, सबने एक-एक कर के अपने गांवों से लेकर दिल्‍ली तक मोर्चा लगाया। हालत यह हो गई कि आम चुनाव से पहले मुख्‍यमंत्री बदलना पड़ा। फिर राज्‍य सरकार पर ही सियासी संकट छा गया। किसी तरह बात संभली, तो प्रधानमंत्री की पहली जनसभा में भाजपा का चुनाव चिह्न उनकी नाक के ठीक नीचे से लुढ़क गया। हरियाणा की दस संसदीय सीटों पर 25 मई को होने जा रहे मतदान से ठीक पहले मनदीप पुनिया की जमीन से सीधी और विस्‍तृत पड़ताल

Demand for Seperate Bundelkhand sent to PM Modi written by blood

क्या राजनीतिक दलों ने अलग बुंदेलखंड की मांग को इतिहास के कूड़ेदान में डाल दिया?

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बसपा की मुखिया मायावती ने 14 अप्रैल को झांसी में बरसों बाद अलग बुंदेलखंड राज्‍य का मुद्दा एक बार फिर से जिंदा कर दिया। उससे पहले उन्‍होंने बुंदेलखंड की चार सीटों पर उम्‍मीदवार भी बहुत सोच-समझ कर उतारे थे। भाजपा के मौजूदा सांसदों से बुंदेली मतदाताओं का असंतोष और अलग बुंदेलखंड की ताजी हवा क्‍या उसके जातिगत समीकरण को हिलाने का माद्दा रखती है? बड़ा सवाल यह है सत्‍तर साल पुरानी अलग बुंदेलखंड राज्‍य की मांग में अब भी कुछ बचा है या उसे राजनीतिक वर्ग ने पूरी तरह भुला दिया? हमीरपुर से अमन गुप्‍ता की पड़ताल

Nitish and Modi together on a hoarding

बिहार : संघ-भाजपा की दाल यहां अकेले क्यों नहीं गल पाती है?

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पिछले आम चुनाव में बिहार में एक को छोड़कर सारी सीटें जीतने वाले एनडीए के पास इस बार बहुत कुछ पाने को नहीं है, लेकिन गिरने की गुंजाइश बरकरार है। नरेंद्र मोदी की 12 मई को पटना में होने वाली भव्‍य रैली संभव है इस गिरावट को थाम ले, लेकिन सवाल है कि मोदी लहर और हिंदुत्‍व के चरम उभार के दौर में भी बिहार में भाजपा को गठबंधन का सहारा क्‍यों लेना पड़ रहा है? क्‍या चीज भाजपा के लिए बिहार को हिंदी पट्टी में अपवाद बनाए हुए है? और क्‍या अगले साल अपने दम पर बिहार में भाजपा सरकार बना सकेगी? राहुल कुमार गौरव की पड़ताल