Bihar

Nitish and Modi together on a hoarding

बिहार : संघ-भाजपा की दाल यहां अकेले क्यों नहीं गल पाती है?

by

पिछले आम चुनाव में बिहार में एक को छोड़कर सारी सीटें जीतने वाले एनडीए के पास इस बार बहुत कुछ पाने को नहीं है, लेकिन गिरने की गुंजाइश बरकरार है। नरेंद्र मोदी की 12 मई को पटना में होने वाली भव्‍य रैली संभव है इस गिरावट को थाम ले, लेकिन सवाल है कि मोदी लहर और हिंदुत्‍व के चरम उभार के दौर में भी बिहार में भाजपा को गठबंधन का सहारा क्‍यों लेना पड़ रहा है? क्‍या चीज भाजपा के लिए बिहार को हिंदी पट्टी में अपवाद बनाए हुए है? और क्‍या अगले साल अपने दम पर बिहार में भाजपा सरकार बना सकेगी? राहुल कुमार गौरव की पड़ताल

कर्पूरी ठाकुर : न्याय की आस और हक के संघर्ष में बिसर गया एक नैतिक जीवन

by

जिस शख्‍स को उसकी जन्‍मशती पर जाकर भारत रत्‍न का सम्‍मान मिला है, उसकी मौत आज तक रहस्‍य बनी हुई है। न सिर्फ मौत, बल्कि जिंदगी भर कर्पूरी ठाकुर ने अपने और अपने न्‍यायपूर्ण सरोकारों के हक में जो लड़ाइयां लड़ीं, उनमें से कई अंजाम तक नहीं पहुंचने दी गईं और पहुंची भी हों तो नतीजा कोई नहीं जानता। बिहार में बतौर मुख्‍यमंत्री और विपक्ष के नेता रहते हुए कर्पूरी ठाकुर के लिए फैसले, दायर मुकदमों और छेड़े गए संघर्षों पर डॉ. गोपाल कृष्‍ण की विस्‍तृत नजर

कोरोना की आड़ में फिर से जागा रद्द कचरा संयंत्र, इंसानी त्रासदी के मुहाने पर भोजपुर

by

दस साल पहले बिहार में शुरू हुआ एक कचरा संयंत्र जनता के आंदोलन और प्रदूषण बोर्ड की नामंजूरी के कारण बंद हो चुका था। लोगों ने चैन की सांस ली ही थी कि कोविड में चुपके से इस पर दोबारा काम शुरू हो गया। आज जनता फिर से आक्रोशित है। कोईलवर प्रखंड के जमालपुर गांव से होकर आई पीयूसीएल की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट 23 जुलाई को जारी की है। इस रिपोर्ट के प्रमुख अंश

कृषि मंडियों पर कर्नाटक का फैसला और विपक्षी एकता के संयोजक के लिए एक सबक

by

एपीएमसी कानून को रद्द करने वाला बिहार अकेला राज्‍य है। इसके मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता के संयोजक हैं जो बैठक के लिए बेंगलुरू जा रहे हैं। कर्नाटक ने कृषि मंडियों की बहाली का विधेयक पिछले ही हफ्ते पेश किया है, जिसे भाजपा सरकार ने खत्‍म कर दिया था। एकता महज चुनावी रहेगी या उत्‍तर के एक राज्‍य का मुख्‍यमंत्री दक्षिण के दूसरे राज्‍य के फैसलों से कुछ सबक भी लेगा? बिहार में कृषि मंडियों के विनाश पर डॉ. गोपाल कृष्‍ण

MNREGA: बिहार सरकार झूठ बोल रही है या घर लौट कर खाली बैठे लाखों प्रवासी मजदूर?

by

महामारी ने आय के सभी साधनों को समाप्त कर दिया। बिहार लौटे प्रवासी मजदूर बिना किसी निश्चित आय, भोजन और सहायता के आजीविका से वंचित हो गए। खुद नीति आयोग से लेकर तमाम रिपोर्टें ऐसा कहती हैं। फिर बिहार सरकार मनरेगा पर सदन में झूठ क्यों बोल रही है। सुल्तान अहमद की रिपोर्ट