प. बंगाल: चुनाव नतीजे से पहले शाह से मिले गवर्नर, बोले ‘बसंत दूर नहीं है’!
byसोमवार को दो मौतों की सूचना के साथ, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में हताहतों की कुल संख्या अब तक 38 तक पहुंच गई है।
सोमवार को दो मौतों की सूचना के साथ, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में हताहतों की कुल संख्या अब तक 38 तक पहुंच गई है।
आज सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई में मणिपुर की हिंसा से अपना पल्ला पूरी तरह झाड़ लिया और इसे राज्य सरकार का मसला करार दिया। मणिपुर के विभिन्न समूहों की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ और और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने साफ कहा कि वह राज्य में कानून व्यवस्था का मसला अपने हाथ में नहीं सकती, ज्यादा से ज्यादा अधिकारियों को हालात बेहतर करने के सुझाव दे सकती है।
जितनी मौतें महीने भर की चुनावी प्रक्रिया में हुई थीं, उतनी ही जानें आज एक दिन के भीतर चली गईं। इस तरह पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा की परंपरा इस बार भी बेरोकटोक जारी रही, जो सीपीएम के जमाने से चली आ रही है।
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के लिए प्रचार गुरुवार, 6 जुलाई की शाम को समाप्त हो गया। मतदान कल होना है। नतीजे 11 जुलाई को घोषित होंगे। कुल मिलाकर अब तक 15 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। हाइकोर्ट ने मतगणना समाप्त होने के बाद 10 दिनों तक केंद्रीय बलों को राज्य में तैनात रखने का निर्देश दिया है।
विपक्षी एकता के लिए गैर-भाजपा दलों को एकजुट करने की मुहिम में लगे शरद पवार के घर में ही सेंध लग गई है। उनके भतीजे 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन से अचानक महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। इस तरह शिव सेना के बाद अब एनसीपी भी बीच में से दो फाड़ हो गई है। कुछ और राज्यों में विपक्षी दलों के तमाम छोटे-बड़े नेता भाजपा के साथ संपर्क में हैं और सही मुहूर्त की बाट जोह रहे हैं। बंगलुरु में होने वाली संयुक्त विपक्ष की दूसरी बैठक खटाई में पड़ गई है।
अगस्त 1997 में नीतीश कुमार ने लोकसभा में एक भाषण दिया था। फरवरी 2023 में राहुल गांधी ने एक भाषण दिया। ढाई दशक में संदर्भ बदल गए, लेकिन मुद्दा एक ही रहा- चुनावों की बेनामी कॉरपोरेट फंडिंग। नीतीश के सुझाव को भाजपा ने कभी नहीं माना। राहुल की जब बारी आई, तो सदन के माइक ही बंद कर दिए गए। पटना में हो रही विपक्षी एकता बैठक के बहाने चुनावों की राजकीय फंडिंग के हक में चार दशक के संसदीय विवेक पर बात कर रहे हैं डॉ. गोपाल कृष्ण
एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से मणिपुर के विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे पर हैं। इस बीच कांग्रेस संसदीय बोर्ड की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज एक यहां संदेश जारी किया है और शांति व सौहार्द की अपील की है।
पिछले चुनाव में अगर दस हजार करोड़ का प्रचार खर्च आया था जो रिकॉर्ड था, तो अबकी नौ गुना ज्यादा बॉन्डों की बिक्री के साथ कुल चुनावी खर्च कायदे से एक लाख करोड़ के आसपास पहुंच जाना चाहिए, हालांकि यह गणित इतना सीधा नहीं है
भाजपा के बंगाली हनुमान निभास सरकार, जो मई 2019 में हंसी-खुशी चुनाव प्रचार कर रहे थे, पांच महीने में ऐसे किस दुख से घिर गए कि उन्हें जान देनी पड़ गई? जबकि जिस पार्टी का उन्होंने प्रचार किया, उसकी केंद्र में सरकार भी बन गई थी?
विधानसभा में दी गई एक जानकारी के मुताबिक सरकार ने बीते अप्रैल से इस साल की शुरुआत तक 21 लोगों को रोजगार दिया है। वहीं रोजगार कार्यालयों के संचालन पर करीब 16.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।