संघ-भाजपा समन्वय सूत्र : सत्ता सर्वोपरि, हिन्दुत्व बोले तो वक्त की नजाकत और पब्लिक का मूड!
byआरएसएस के मुखिया मोहन भागवत चार-छह महीने के अंतराल पर बौद्धिक कसरत के लिए कोई न कोई बयान दे देते हैं। आम चुनाव के दौरान संघ पर भाजपा की निर्भरता खत्म होने संबंधी जेपी नड्डा के औचक बयान के बाद बयानबाजियों और अटकलबाजियों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उसमें संघ-भाजपा के परस्पर शक्ति संतुलन को लेकर अजीबोगरीब निष्कर्ष निकाले गए। बावजूद इसके, भाजपा चुनाव जीतती गई। केवल उत्तर प्रदेश अपवाद रहा, जहां के संभल के संदर्भ में भागवत का एक बयान लंबे समय बाद आया है और संघ-भाजपा के रिश्तों पर फिर से पहेलियां बुझायी जा रही हैं। ‘आत्मनिर्भर भाजपा’ शीर्षक से 27 मई को लिखे अपने लेख का सिरा पकड़ कर व्यालोक ने एक बार फिर इस मसले को नई रोशनी में देखने की कोशिश की है